डिजिटल गोल्ड क्या है? इसके फायदे और नुकसान जानिए निवेश करने से पहले

 

डिजिटल गोल्ड: फायदे और नुकसान

(एक आधुनिक निवेश का सच्चा मूल्यांकन)



डिजिटल गोल्ड क्या है? इसके फायदे और नुकसान जानिए निवेश करने से पहले


 

भूमिका: बदलते दौर में बदलते निवेश

मैं हमेशा से सोने को एक सुरक्षित निवेश मानता रहा हूँ। बचपन में दादी की अलमारी में रखे सोने के सिक्के और गहनों को देखकर लगता था कि असली दौलत वही है।
पर जैसे-जैसे तकनीक ने दुनिया बदली, निवेश के तरीके भी बदलते गए। और अब डिजिटल गोल्ड सामने आया है।

पहली बार जब मैंने डिजिटल गोल्ड के बारे में सुना, तो दिमाग में सवालों का तूफान था:
"क्या ये असली सोना है?", "कहीं स्कैम तो नहीं?", "कैसे बेचे-बिकेगा?"
इन्हीं सवालों से जूझते हुए मैंने खुद इसमें निवेश किया और आज मैं अपने अनुभव साझा कर रहा हूँ।

 

डिजिटल गोल्ड क्या है?

डिजिटल गोल्ड एक ऐसा माध्यम है जिसमें आप ऑनलाइन प्लेटफॉर्म (जैसे PhonePe, Paytm, Groww, या Google Pay) के ज़रिए 24 कैरेट शुद्ध सोना खरीदते हैं, पर उसे भौतिक रूप में अपने पास नहीं रखते।
आपका खरीदा गया सोना एक सुरक्षित वॉल्ट में स्टोर किया जाता है, और आप जब चाहें उसे भौतिक रूप में मंगा सकते हैं या बेच सकते हैं।

 

डिजिटल गोल्ड के फायदे

1. आसान और तुरंत निवेश

पहले सोना खरीदने के लिए ज्वेलर के पास जाना पड़ता था। अब बस मोबाइल निकालो और एक क्लिक में निवेश करो।

मेरा अनुभव:
पहली बार मैंने ₹500 से निवेश किया और पूरी प्रक्रिया मात्र 2 मिनट में पूरी हो गई। लाइन, डॉक्युमेंट।

 

2. शुद्धता की गारंटी

डिजिटल गोल्ड हमेशा 24 कैरेट होता है और BIS प्रमाणित कंपनियों से आता है जैसे MMTC-PAMP या SafeGold

 

 3. छोटे निवेश की सुविधा

आप ₹1 से भी शुरुआत कर सकते हैं। इससे मिडल क्लास और स्टूडेंट्स भी निवेश की आदत डाल सकते हैं।

भावनात्मक पक्ष:
जब मैंने अपनी पहली कमाई से ₹200 का डिजिटल गोल्ड खरीदा, तो आत्मगौरव की भावना आई, “अब मैं भी निवेशक हूँ।

 

 4. भंडारण की टेंशन नहीं

आपको सोने को बैंक लॉकर में रखने की ज़रूरत नहीं। सब कुछ डिजिटल और सुरक्षित वॉल्ट में।

 

5. जब चाहें बेचें या डिलीवरी लें

आप अपना डिजिटल गोल्ड कभी भी बेच सकते हैं और चाहें तो उसे फिजिकल गोल्ड (जैसे सिक्के या गहने) में बदलकर मंगवा सकते हैं।

 

डिजिटल गोल्ड के नुकसान

1. लॉन्ग टर्म के लिए महंगा

डिजिटल गोल्ड पर स्टोरेज चार्ज और GST लगते हैं, जिससे यह लॉन्ग टर्म में महंगा साबित हो सकता है।

 

 2. सरकार द्वारा रेगुलेटेड नहीं

यह अभी तक SEBI या RBI द्वारा पूरी तरह रेगुलेटेड नहीं है, जिससे थोड़ा जोखिम बना रहता है।

व्यक्तिगत राय:
इस वजह से मैं डिजिटल गोल्ड को एक माध्यमिक निवेश मानता हूँ, कि मुख्य संपत्ति।

 

 3. फिजिकल डिलीवरी महंगी

यदि आप सोने की डिलीवरी चाहते हैं, तो मेकिंग चार्ज और डिलीवरी चार्ज अलग से देने पड़ सकते हैं।

 

 4. फ्रॉड का खतरा

हालाँकि प्लेटफॉर्म्स सुरक्षित हैं, लेकिन किसी अनजाने ऐप या लिंक से खरीदना धोखा भी बन सकता है।

 

डिजिटल गोल्ड कब खरीदें?

·         त्यौहारों पर जैसे अक्षय तृतीया, धनतेरस

·         गोल्ड की कीमतों में गिरावट आने पर

·         जब आप थोड़े-थोड़े पैसे बचाकर गोल्ड इकट्ठा करना चाहते हों

 

मेरा निष्कर्ष: क्या डिजिटल गोल्ड सही है?

हाँ, पर समझदारी से।
डिजिटल गोल्ड छोटे और शॉर्ट टर्म गोल्स के लिए बढ़िया है।
अगर आपको कोई शादी के लिए गोल्ड इकट्ठा करना है या फिजिकल गोल्ड से बचना है, तो ये एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
लेकिन लॉन्ग टर्म वेल्थ बिल्डिंग के लिए म्यूचुअल फंड, SIP, या गोल्ड ETF ज़्यादा बेहतर हैं।

 

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